दादी के मार्शल आर्ट्स को देख लोगो ने दांतो तले दबाई उंगलियां

सूरत, 2 नवंबर। शहर मे दो दिवों पूर्व आयोजित इंटरनेशनल कुडो टूर्नामेंट इस बार एक अनोखे कारण से सुर्खियों में रहा। जहाँ देशभर के युवा खिलाड़ी अपनी फुर्ती और ताकत का प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं 88 वर्षीय दादी शांता पवार ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली शांता पवार दादी ने अपनी उम्र को सिर्फ एक संख्या साबित करते हुए मार्शल आर्ट्स के करतब ऐसे दिखाए कि पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा।

दादी शांता ने मंच पर लाठी और आत्मरक्षा की तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिसे देखकर दर्शक दंग रह गए, उनकी फुर्ती, आत्मविश्वास और ऊर्जा देखकर खुद बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी मंच से दौड़कर नीचे आए और शांता दादी से गले मिल गए। उन्होंने दादी को “सच्ची योद्धा” बताया और कहा कि “ऐसी दादी से हमें सीखना चाहिए कि उम्र सिर्फ एक सोच है, अगर हौसला है तो सब मुमकिन है।’

जाने कौन है शांता पवार

पुणे की 88वर्षीय दादी शांता पवार का जन्म महाराष्ट्र के बीड ज़िले में एक गरीब परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें लाठी और रस्सी जैसे पारंपरिक कलाओं में रुचि थी। उन्होंने आठ साल की उम्र में ही “लाठी-कला” में महारत हासिल कर ली थी। उनके पिता भी लोक कलाकार थे, और शांता ने उन्हीं से प्रेरणा लेकर यह कला सीखी।

समय बीतने के साथ हालात कठिन होते गए। पति की असमय मृत्यु और आर्थिक तंगी ने उन्हें झकझोर दिया। लेकिन हार मानने के बजाय शांता ने अपनी लाठी को हथियार बनाया। उन्होंने अपने परिवार का पेट पालने के लिए पुणे की सड़कों पर प्रदर्शन शुरू किया। 80 की उम्र में भी वे रोज़ाना 4-5 घंटे तक अभ्यास करती हैं।