
सूरत, 14 अक्टूबर । कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एवं गारमेंट समिति के राष्ट्रीय चेयरमैन चंपालाल बोथरा ने वर्तमान बैंकिंग व्यवस्था में आई तकनीकी गड़बड़ियों और नई चेक-क्लियरिंग प्रणाली पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि दीपावली के ठीक पहले देशव्यापी बाजारों में लेन-देन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे व्यापारिक नकदी प्रवाह (Cash Flow) में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई है।बोथरा ने उल्लेख किया कि व्यापारियों को भुगतान में अनावश्यक देरी, चेक बाउंस होने की समस्या, और ट्रांजैक्शन रुकने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
त्यौहारी व्यापार प्रभावित
उन्होंने बताया कि दीपावली का समय टेक्सटाइल, ज्वेलरी, FMCG और गारमेंट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए व्यापार का चरम काल होता है। इस संवेदनशील समय में नई क्लियरिंग पॉलिसी और NEFT/RTGS सर्वर डाउन होने की समस्याएँ छोटे व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और MSME इकाइयों को सबसे अधिक प्रभावित कर रही हैं। देश के कई राज्यों से शिकायतें मिल रही हैं कि चेक-क्लियरिंग में 2 से 3 दिन की विलंबता, बैंक सर्वर का बार-बार फेल होना और अनियमित ऑनलाइन बैंकिंग के कारण व्यापारिक गतिविधियाँ शिथिल पड़ गई हैं, जिससे बाजारों की स्वाभाविक रौनक फीकी हो गई है।
रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय से आग्रह
इस स्थिति को देखते हुए, CAIT की टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया है। संगठन का उद्देश्य है कि बैंकिंग सिस्टम को तुरंत स्थिर किया जाए और व्यापारियों का विश्वास बहाल किया जा सके।चंपालाल बोथरा ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि यदि तकनीकी अव्यवस्थाएँ जारी रहीं, तो त्योहारी सीज़न में व्यापारिक जगत को भारी वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है।उन्होंने स्पष्ट किया, “बैंकिंग सेवाएं व्यापार की जीवनरेखा हैं। दीपावली के ठीक पहले इस तरह की बाधा देश की आर्थिक गति को मंद कर रही है।”














