
सूरत, 12 अक्टूबर। आढतिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत ने एक साहसिक कदम उठाते हुये सूरत कपड़ा मंडी एवं बाहरगाम के कुल 49 कपडा एैसे कपडा प्रतिष्ठानो को रिस्ट्रिक्ट (प्रतिबंधित) किया है जिनका मकसद ही कपडा व्यापारियों से माल लेकर उनका पेमेंट रोकना रहा है। एसोसिएशन द्वारा उठाये गये इस कदम के देश के लगभग सभी कपड़ा मंडियो मे सराहना की जा रही है एवं इसका खासा प्रतिसाद देखने को मिल रहा है। एसोसिएशन मे जिन 49 कपडा प्रतिष्ठानो को प्रतिबंधित करते हुये उनके साथ व्यापार ना करने की सलाह दी है उनमे से 9 प्रतिष्ठान सूरत के है।
सूरत कपडा़ बाजार मे लगभग 250 कपड़ा बाजारों मे 85 हजार कपडा़ कारोबारी अपना एवं अपने कर्मचारियो की आजीविका कमाते है। देश के सबसे बडे कपड़ा मंडी मे व्यापारियो के साथ लोकल एवं बाहर गाम के कुछ एैसे ठग प्रवृत्ति के व्यापारी भी जुड़ जाते है जिनका व्यापार से कोई लेना -देना नही होता उनका एकमात्र मकसद होता है अच्छे व्यापारियो से माल लेकर उनका पैसा रोकना, एैसे मे इन ठग व्यापारियों से पैसे निकलवाना किसी त्रासदी से कम नही होता। सूरत कपडा बाजार मे आढतिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत इन दिनो व्यापारियो का अपना सबसे पंसदीदा संगठन बना हुआ है इसकी वजह है कि यह संगठन पेमेंट सैटलमेंट के मामलों को पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ हैंडल करता है और एक बार केस लेने के बाद रिकवरी का सक्सेस रेशियों 90 प्रतिशत तक देखा गया है।
एक जानकारी के अनुसार आढतिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत मे उन व्यापारियों का भी केस लिया जाता है जो कि इस संगठन के सदस्य नही है और केस लेने के एवज मे कोई नामांकन फीस नही है जिसका सीधा सा तात्पर्य है संगठन अपने यहां तमाम केस फ्री मे लेता है एवं बखूबी रिकवरी कराता है जिसको लेकर यहां के व्यापारी संस्था के अध्यक्ष प्रह्लाद अग्रवाल की तारीफ करते नही थकते।
अध्यक्ष ने कहा 60 दिन से उपर की उधारी पर लगे अंकुश
एसोसिएशन द्वारा हाल ही मे प्रतिबंधित किये गये 49 कपड़ा प्रतिष्ठानो के मामले मे एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने संवाददाता के साथ बातचीत मे कहा कि सूरत के इतिहास में प्रथम बार आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत ने धोखाधड़ी करने वालों के नाम उजागर किया है। धोखा करने वाले एैसे लोग सूरत बाजार को खोखला करने पर लगे थे। AKAS ने इनके नाम उजागर कर नकेल लगाने का काम किया है अब सूरत के दुकानदारों का कर्त्तव्य बनता हैं कि इन धोखेबाज से नकद या उधार किसी भी तरह इनसे काम ना करें। आकाश का फरमान यदि व्यापार को साफ़ सुथरा और पारदर्शी रखना हैं, तो 60 दिन के ऊपर की उधारी पर तत्काल अंकुश लगाया जायें, नहीं तो इससे ज्यादा भयावह स्थिति हो सकती है।