सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचे – आचार्यश्री महाश्रमण

भरूच,  11 दिसंबर। 58 हजार किलोमिटर की पदयात्रा कर जन जन को अहिंसा का संदेश देने वाले युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का आज भरूच जिला मुख्यालय में मंगल पदार्पण हुआ। वर्तमान में सौराष्ट्र कि ओर गतिमान आचार्यश्री की इस यात्रा में कई ऐसे क्षेत्र भी है जहां सन् 2023 में भी पदार्पण हुआ था। भरूच में भी पूर्व में गुरुदेव पधारे थे आज पुनः तेरापंथ के सरताज का द्वितीय आगमन प्राप्त कर नगर वासियों में अतिशय खुशी छाई हुई थी। प्रातः अंकलेश्वर से विहार कर आचार्यश्री गतिमान हुए। मार्ग में विशालकाय नर्मदा नदी पर पर निर्मित ‘ नर्मदा मैया ‘ ब्रिज को पावन बनाते हुए गुरुदेव ने भरूच जिला मुख्यालय में प्रवेश किया। सकल श्रावक समाज जय जयकारों से अपने आराध्य की अभिवंदना कर रहा था। लगभग 10 किमी विहार कर गुरुदेव का श्री के.एल जैन के निवास पर प्रवास हेतु पदार्पण हुआ। इस अवसर पर स्थानीय विधायक अरुण सिंह राणा, विधायक रमेश मिस्त्री, पूर्व विधायक दुष्यंत पटेल भी स्वागत हेतु उपस्थित हुए एवं शांतिदूत का भरूच पदार्पण पर अभिनंदन किया।

जैन श्वेताम्बर देरासर में मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में जन समुदाय को प्रतिबोधित करते हुए युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी ने कहा – संगति का व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व होता है। हम कैसी संगति कर रहे है, उसी अनुरूप फिर व्यक्ति का आचरण भी हो सकता है। तीन प्रकार की संगति होती है, व्यक्ति की संगति, पुस्तक की संगति और आजकल सोशल मीडिया की संगति भी इस श्रेणी में आ जाती है। संगति अच्छी होती है तो व्यक्ति का आचार भी अच्छा हो सकता है। सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचकर उसका सकारात्मक पक्ष देखना चाहिए। पांच बातों का ध्यान रखना आवश्यक है कि बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो, बुरा मत सोचो और बुरा मत करो। इसकी बजाय अच्छा देखो, अच्छा सुनो, अच्छा बोलो, अच्छा सोचो और अच्छा कार्य करो। व्यक्ति बुरी चीजों से बचे तो जीवन को अच्छा बना सकता है। 

स्वागत के क्रम में सभा अध्यक्ष नरेंद्र छाजेड़, थानमल मालू, कन्हैयालाल पटावरी ने अपनी भावाव्यक्ति दी। महिला मंडल से सामूहिक गीत का संगान किया। भरूच श्रावक समाज ने 51 संकल्पों की आध्यात्मिक भेंट गुरु चरणों में प्रस्तुत की।