प्रयागराज, 15नवंबर। उत्तर प्रदेश के मूर्धन्य साहित्यकारों के द्वारा हिन्दुस्तानी एकेडेमी प्रयागराज के हाल में इंक पब्लिकेशन्स के सौजन्य से सार्जेण्ट अभिमन्यु पाण्डेय ‘मन्नू’ के दो कविता संग्रह ‘अभियान'(चन्द्र मिशन-3 पर आधारित) तथा ‘दो पग'(कर्म के प्रति प्रेरणा पर आधारित) के साथ हिन्दी के कवि इमरान सम्भलशाही की ‘दीवार उस पार’ कवियित्री अनीता सुधीर की ‘मंथन’ व ‘भावप्रिया’ डा सोनू चौहान की कविता पुस्तक ‘बाल गीत’ व कहानी संग्रह ‘दो लोटा छाछ’ तथा युवा कवि विप्लव यादव की ‘श्रृंगारिक कविताएं’ का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया । तत्पश्चात् इंक पब्लिकेशन्स के महासचिव डाॅ विनय श्रीवास्तव के द्वारा पुष्प गुच्छ तथा अध्यक्ष दिनेश कुशवाहा के द्वारा अतिथियों का सम्मान माला ,अंगवस्र तथा सम्मान पत्र के साथ किया गया। पुस्तकों के लोकार्पण के पश्चात अपनी प्रतिक्रिया देते हुए समारोह के मुख्य अतिथि हिन्दी संस्थान तथा विभिन्न संसथाओं द्वारा सम्मानित वरिष्ठ संपादक, लेखक डाॅ धनंजय चोपड़ा ने अपनी प्रतिक्रियास्वरूप लोकार्पित पुस्तकों के कवियों लेखकों के साहित्य विधा की समीक्षा की।उन्होंने कहा सार्जेण्ट अभिमन्यु पाण्डेय ‘मन्नू’ की कविताएं सहज भाषा भाव से सजी देशप्रेम, व्यक्तिगत तथा सामाजिक सरोकार से सजी हैं। इमरान शाही ध्वनियां पकड़ कर उसे शब्द देते हैं।अनीता सुधीर ने अपनी कविताओं में संस्कृति की सुरक्षा पर ध्यान दिया है। सोनू चौहान के बाल गीत में बाल सुलभ गुण हैं।युवा कवि विप्लव यादव की कविताओं में भविष्य की सम्भावनाएं हैं। मैं लोकार्पित पुस्तकों को पढ़कर आगे और विस्तृत समीक्षा दूंगा।
विशिष्ट अतिथि अमिताभ त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा सार्जेण्ट अभिमन्यु पाण्डेय ‘मन्नू’ सेना से जुड़े रहे हैं। इनकी कविताओं में देशप्रेम, आशावाद व जीवन के प्रति उत्साह है। दीवार उस पार में ग्रामीण सामाजिक सरोकार की कविताएं हैं। अनीता सुधीर की कविताओं के शब्द जीवन से जुड़े हैं। बाल गीत कठिन विधा है। विप्लव ने गजल व शेर के रुप में अच्छा प्रयास किया है। कविता के गुण के बारे में उन्होंने कहा जो पाठक स्मृतियों में धारण कर ले तथा कवि के साथ उसे साझा कर ले वही कविता है। विशिष्ट अतिथि प्रयागराज के सुप्रसिद्ध व्यवसायी अनिल गुप्त ने कहा प्रयागराज संगम, हाईकोर्ट के साथ साथ प्रकाशन के मामले में भी प्रसिद्ध है।शान्त चित्त उत्तर प्रदेश के पूर्व आई जी बद्री प्रसाद सिंह ने पर्यटन के महत्व को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र के समापन भाषण में लोक सेवा आयोग के अधिकारी रहे सरस्वती पत्रिका तथा हिन्दुस्तानी एकेडमी पत्रिका के सम्पादक वरिष्ठ कवि लेखक समीक्षक सभा अध्यक्ष डाॅ रवि नंदन सिंह ने कहा साहित्य मनुष्य को मनुष्य बना देता है।रचनाकार दुनिया के अघोषित सांसद हैं इन्होंने अपने साहित्य में जीवन जीने का सूत्र दिया है। रामायण,रामचरित मानस, गीता,तथा दुनियाभर की धर्म पुस्तकें साहित्यकारों की देन हैं।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में साहित्य सृजन के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श के साथ कुछ कविताओं ,कहानियों का पाठ किया गया जिसमें मोनिका शर्मा द्वारा प्रस्तुत कहानी के संवाद हृदयस्पर्शी रहे। सफल संचालन तथा अतिथियों का आभार ज्ञापन कार्यक्रम के आयोजक इंक पब्लिकेशन्स के अध्यक्ष दिनेश कुशवाहा ने अपने संबोधन ‘जो रचेगा वही बचेगा’ के उद्घोष से किया। सभा में कवि जग नारायण मिश्र ‘प्रतापगढ़ी’, शैलेन्द्र श्रीवास्तव ‘ शैलेश ‘ सुधीर श्रीवास्तव, महेंद्र यादव आदि प्रचुर संख्या में सुधी श्रोता गण उपस्थित रहे।