सूरत, 15 नवंबर । अग्रवाल समाज ट्रस्ट एवं लक्ष्मीनाथ सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा ने सूर्यपुत्री मां ताप्ती के तट पर बसे सूरत में आध्यात्मिकता और श्रद्धा का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। अग्रसेन भवन, सिटी लाइट में आयोजित इस पावन कथा में संत शंभु शरण लाटा के दिव्य प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को राम कथा के माध्यम से जीवन में प्रेम, सेवा, और संयम के महत्वपूर्ण संदेश प्रदान किए।
संत शंभु शरण जी लाटा ने प्रवचनों में राम कथा की महिमा बताते हुए कहा कि भगवान के स्मरण और हरि कथा के श्रवण से जीवन के सारे संशय और अशांति समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने समाज को विनम्रता, संयम और परोपकार का संदेश दिया, साथ ही प्रेम की शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि सच्चा प्रेम पत्थर को भी भगवान बना सकता है। उन्होंने अहंकार को विनाश का कारण बताते हुए श्रोताओं को विनम्र रहने की प्रेरणा दी। बेटियों की महिमा पर बोलते हुए संत जी ने कहा, “बेटियाँ ओस की बूँद के समान होती हैं, जो अपने माता-पिता के दुःख में उनके साथ खड़ी होती हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में सुख-शांति पाने के लिए परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है, और व्यक्ति अभाव से नहीं, बल्कि अपने स्वभाव से दुखी होता है।
इस भव्य आयोजन में सूरत के प्रतिष्ठित नागरिकों ने भी हिस्सा लिया। बाबूलाल मित्तल, ओम प्रकाश सतनालीवाला, आनंद सतनालीवाला, किशन मेगोटिया, रामावतार चौधरी, अशोक टिबरेवाल, मदनलाल मित्तल, जगदीश प्रसाद सिंघल, पार्षद विजय चौमल और सुमन गाड़िया जैसे समाज के वरिष्ठ लोगों ने संत शंभु शरण जी के पवित्र प्रवचनों का रसास्वादन किया।
कथा को सफल बनाने में अग्रवाल समाज ट्रस्ट और लक्ष्मीनाथ सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने तन, मन, और धन से अपना योगदान दिया। संरक्षक श्री संजय जगनानी ने बताया कि समिति के कार्यकर्ताओं ने समर्पण की भावना के साथ सेवा कार्यों को निभाया। दीपू गोयनका, जगमोहन जालान, भरत बजाज, प्रकाश बेरीवाल, शिवरतन जगनानी, अरविंद गाड़िया, प्रवीण जेसनसरिया, रवि सराफ, और राधेश्याम रावतसर जैसे कार्यकर्ता हनुमान जी की तरह रामजी के कार्य में संपूर्ण समर्पण के साथ जुटे रहे।