
सूरत, 5नवंबर। कुछ दिनो पूर्व जैसलमेर के पास लक्ज़री बस में आग लगने से 25 से अधिक यात्रियों की दर्दनाक मृत्यु के बाद आरटीओ विभाग सक्रिय हुआ और सुरक्षा खामियों के नाम पर राजस्थान में चल रही लक्ज़री बसों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी। कई बसों को रोका गया और 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक के चालान किए जाने लगे। अचानक हुई इस कार्रवाई से नाराज़ निजी बस ऑपरेटरों ने राज्यव्यापी हड़ताल का फैसला लिया, जिसके चलते राजस्थान में लगभग 8 हजार और सूरत सहित विभिन्न मार्गों पर हजारों बसों के पहिए थम गए।
बस मालिकों का कहना है कि नई बसें पहले से ही आरटीओ पासिंग के बाद सड़क पर उतरती हैं, ऐसे में अब फ्लाइंग स्क्वॉड द्वारा बसों में खामियां बताकर भारी जुर्माना करना अनुचित है। न कोई पूर्व सूचना दी गई न ही सुधार अवधि दी गई, जिससे उद्योग पर सीधा आर्थिक बोझ पड़ा है। दीपावली का समय बस ऑपरेटरों के लिए सालभर के घाटे की भरपाई का समय होता है, परंतु इसी समय भारी-भरकम जुर्माने लगाए जा रहे हैं, जबकि पूरे वर्ष बसें कम सवारी लेकर चलती हैं। बस मालिकों ने स्पष्ट कहा कि अगर बस सुरक्षा मानक हैं तो वे पासिंग के समय ही तय किए जाएं, बाद में अचानक कार्रवाई उचित नहीं। उनकी मांग है कि बॉडी चेसिस, लंबाई, अग्नि सुरक्षा उपकरण व अन्य मानकों को एक समान नियम के रूप में लागू किया जाए और समय दिया जाए।
हड़ताल का असर सूरत में स्पष्ट दिखाई दिया। न्यू बॉम्बे मार्केट व वास क्षेत्र स्थित बस स्टैंड सहित कई स्थानों पर सन्नाटा रहा, जहाँ रोजाना हजारों यात्री आवाजाही करते हैं। सूरत से बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बालोतरा, जालोर, उदयपुर, भीलवाड़ा, जयपुर सहित कई राजस्थान शहरों के लिए लगभग 250 बसें चलती थी, जो पूरी तरह बंद रहीं। दीपावली वेकेशन में राजस्थान गए व्यापारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को सूरत वापस आने में भारी परेशानी हो रही है, ट्रेन टिकट उपलब्ध न होने के कारण लोग महँगी निजी टैक्सियों व कारों से लौटने को मजबूर है।














