सूरत , 14 अक्टूबर । कच्चे माल की कीमतो मे भारी बढोत्तरी का हवाला देकर साउथ गुजरात टेक्सटाईल प्रोसेसर्स एसोसियेशन ने दीपावली बाद एक माह तक प्रोसेसिंग इकाईयो के बंद रखने की घोषणा कर दी है लेकिन अब एक के बाद एक प्रोसेसिग यूनिट के संचालको की ओर सफाई देते हुये कहा जा रहा है कि उनकी मिल चालू रहेगी । इस तरह अब तक सैंकडो प्रोसेसिगं यूनिटो ने अपनी मिलें चालू रखने की घोषणा करते हुये प्रोसेसर्स एसो के बंद रखे जाने के दावो की हवा निकाल दी है ।
एक जानकारी के अनुसार कुछ दिनो पूर्व ही साउथ गुजरात टेक्सटाईल प्रोसेसर्स एसो की ओर से कहा गया था कि कपडा प्रोसेसिंग मिलें दीपावली बाद एक माह तक बंद रहेगी एवं इस घोषणा के पीछे कच्चे माल की कीमतो मे भारी बढोत्तरी को वजह बताया गया था । प्रोसेसर्स एसोसियेशन की ओर से बयान आने के बाद से अब तक सैकडो मिलो ने अपने – अपने मिलो के लेटर पैड पर सफाई दी एवं कहा कि उनकी मिल चालू रहेगी । इस तरह से देखा जायें तो प्रोसेसर्स एसों की ओर से बयान आने के बाद मिल मालिको ने ही एसो के दावे की हवा निकाल दी है । प्रोसेसर्स एसो की ओर से एक माह बाद रखने का बयान एवं उसके त्वरित बाद एक के बाद एक मिलो के चालू रखे जाने का क्रमिक पत्र रिगं रोड कपडा बाजार मे इन दिनो चर्चा का चर्चा का विषय बना हुआ है । कपडा व्यापारियो का कहना है कि एक माह मिल बंद रखना कभी भी संभव नही था दरअसल इसके पीछे मकसद मिलो का प्रोसेसिंग चार्ज बढाना था जिसमे काफी हद तक सफल भी हुये है । उल्लेखनीय है कि दीपावली बाद अगर एक माह तक प्रोसेसिंग यूनिटो को बंद रखा जाता तो प्रवासी मजदूर अपने गांव भाग जाते एवं उनकी वापसी लंबे समय तक नही होती। प्रवासी मजदूरो को वापस लाना काफी मुश्किल काम होता । एक माह बाद मिलो के चालू होने के बाद समय पर कारीगर एवं मजदूर नदारद रहते लेकिन मिलो के खर्चे एवं बैंको की किश्त मिल मालिको पर भारी पडती ।
प्रोसेसर्स एसो. के अध्यक्ष जीतू बखारिया ने दी सफाई
साउथ गुजरात टेक्सटाईल प्रोसेसर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष जितेन्द्र बखारिया ने इस प्रकरण पर अपनी सफाई देते हुये कहा कि एक माह तक प्रोसेसिंग यूनिटोे के बंद रखने का फैसला मेरा व्यक्तिगत नही था । पिछले 5 अक्टूबर को सम्पन्न हुई बैठक मे सभी सदस्यो ने मिल कर एक माह बंद रखने का फैसला लिया था अब एक बार फिर से 23 अक्टूबर को प्रोसेसर्स एसो की बैठक बुलाई गयी है जिसमे परिस्थिति को देखते हुये सदस्यो कुछ भी निर्णय लिया जा सकता है ।
4500 का कोयला पन्द्रह हजार मे खरीद रहे है प्रोसेसर्स
निहारिका डाईंग के मालिक मनीष गुप्ता का कहना है कि एक माह तक मिल बंद रखना व्यवहारिक नही है । एक बार लेबर चले गये तो वापस नही आयेंगे । गुप्ता ने कहा तीन माह मे कोयला के भाव तीन गुना तक बढ गया है तीन माह पहले ही हम कोयला 4500 के भाव से खरीद रहे थे आज पन्द्रह हजार का भाव है । कोयले की कमी का अहसास होते ही हम लोग इसका स्टाक कर रहे है लेकिन स्टाक करने की भी एक क्षमता होती है। ग्रे का पर्याप्त स्टाक है लेकिन दीपावली बाद का कोई प्रोग्रामिंग नही है ।