एडिशनल डीजीएफटी वीरेन्द्र सिंह ( आईटीएस ) ने डांग जिले मे मौजूद स्ट्रॉबेरी, शहद, चमड़ा उद्योग एवं फूलों की खेती जैसी संभावनाओ पर की चर्चा
सूरत, 9 मार्च । भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में “आजादी का अमृत महोत्सव” अन्तर्गत शुक्रवार को डांग मालेगांव स्थित श्रीमती संतोकबा ढोलकिया विधा मंदिर मे “निर्यात बंधु योजना” के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । डीजीएफटी के अतिरिक्त महानिदेशक और सूरत सेज के विकास आयुक्त वीरेन्द्र सिंह (आईटीएस ) की पहल पर डांग के स्थानीय आदिवासी जन- जाति के लोगो के बीच सामाजिक प्रगति और विकास का वातावरण बनाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिससे यहा के लोग शिक्षा, व्यवसाय एवं निर्यात में अपना कैरियर बना सकें ।
एडीशनल डीजीएफटी एवं सूरत सेज के विकास आयुक्त वीरेन्द्र सिंह (आईटीएस) ने कस्टम अधिकारियो के साथ “निर्यात बंधु योजना” के तहत आयोजित इस कार्यक्रम मे हिस्सा लिया । इसके अलावा देवीदास भाई असिस्टेंट को-आपरेटिव आफिसर डीआईसी डांग, जगदीश भाई, महेंद्र भाई एवं के एम ठाकोर ने स्थानीय आदिवासी उद्यमियों के साथ उक्त कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार जिलाधिकारी को भी इस कार्यक्रम मे शामिल होना था लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से जिलाधिकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। डीजीएफटी के अपर महानिदेशक (आईटीएस) ने स्ट्रॉबेरी, शहद, चमड़ा उद्योग एवं फूलों की खेती जैसी जिले मे मौजूद संभावनाओ पर चर्चा की ।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये एडिशनल डीजीएफटी वीरेन्द्र सिंह सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान डांग जिले के उद्यमियों द्वारा “निर्यात बंधु योजना” के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन” के लिए वीरेन्द्र सिंह ( एडीशनल डीजीएफटी सूरत ) को ट्रॉफी प्रदान की गई। डांग मे सम्पन्न हुये निर्यात बंधु कार्यक्रम से सूरत वापसी के दौरान एडिशनल डीजीएफटी वीरेन्द्र सिंह एवं उनकी टीम ने वघई मे कमलेश ठाकोर द्वारा संचालित श्री सत्य सांई लक्ष्मी मोहन विद्यालय का दौरा किया, इस विधालय मे कमलेश ठाकोर ने 27 शिशु छात्रों को गोद लिया है और 12 वीं तक स्कूल चलाते हैं। सिंह ने स्कूल के आदिवासी छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रेरक भाषण दिया और उनके बेहतर कैरियर के लिये प्रोत्साहित किया ।
प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है डांग जिला
उल्लेखनीय है कि गुजरात के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित डांग जिले मे विशुद्ध रूप से आदिवासी जन-जाति निवास करती हैं। यहा पर कुल जनसंख्या मे 96 प्रतिशत से अधिक इनकी आबादी है। डांग जिला प्राकृतिक और सुरम्य परिवेश से भरपूर है जो वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है। पौधों, पक्षियों और जानवरों की दुर्लभ प्रजातियाँ डांग जिले में पायी जाती हैं।