सूरत , 6 जनवरी । सूरत शहर के सचिन में जहरीले रसायन की दुर्घटना के संबंध में विधायक आनंद चौधरी के नेतृत्व में इंटक द्वारा सूरत जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि ९ जनवरी २०२२ को सुबह ४ बजे से सुबह ५ बजे के बीच सूरत शहर के सचिन जीआईडीसी में एक बहुत ही दुखद दुर्घटना हुई, जिसमें जहरीले रसायन के प्रभाव से ८ श्रमिकों की मृत्यु हो गई और लगभग २३ श्रमिक गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं इनका इलाज किया जा रहा हैं। सचिन जीआईडीसी में जीपीसीबी के अधिकारी, स्थानीय पुलिस, जिला प्रशासन और सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं की साठगांठ में जहरीले रसायनों को खाड़ी में फेंकने का काम किया जा रहा हैं। इसके अलावा, उद्योगों और मिलों में संचालको द्वारा फैक्ट्री अधिनियम, सरकारी दिशानिर्देशों, मानदंडों एवं कानूनों का खुले उल्लंघन किया जा रहा हैं और मजदूरों को किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपकरण प्रदान नहीं किए जाते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप आए दिन छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। किन्तु प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती है। पूर्व में कई बार सचिन, पांडेसरा के निवासियों ने कुछ अवैध जहरीले रसायनों के टैंकर पकड़े थे।
इसके साथ ही सचिन जीआईडीसी और पांडेसरा जीआईडीसी में मील संचालकों की ओर से भी रात के समय जहरीले रसायन छोड़ने का काम किया जा रहा हैं जिसके कारण आसपास के गांवों व इलाकों में लोगों को अस्थमा, कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां हो रही हैं। परंतु इस संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। जीपीसीबी, पुलिस, जिला प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही से यह बेहद दुखद दुर्घटना हुई है।इंटुक के वरिष्ठ अग्रणी शान खान ने कहा कि यदि अगले २ दिनों में हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो एक उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसके लिए शासन-प्रशासन सम्पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगा।इस अवसर पर विधायक आनंद चौधरी, इंटुक प्रदेश महासचिव कामरान उस्मानी, सूरत शहर इंटुक अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा, इंटुक के वरिष्ठ अग्रणी शान खान, पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष हसमुख देसाई, सुरेश सोनवणे समेत अन्य अग्रणियों ने सिविल अस्पताल का दौरा कर ज्ञापन सौंपा ।