खिलाडी वही सिर्फ खेल का पाला बदला
सूरत , 14 अक्टूबर । कुछ दिनो पूर्व सूरत एसईजेड से करोड़ों रुपये के डायमंड अंडरवैल्यूएशन का मामला पकड़े जाने के बाद अब हीरा उद्योग में एक बार फिर अंडरवैल्यूएशन का एक नया मामला सामने आया है सब कुछ पहले जैसा ही है अंतर बस इतना है कि जांच एजेंसियो से बचने को लिये सूरत एवं मुंबई के हीरा उधमियो ने चेन्नई से निर्यात शुरू किया है ।
सूत्रो के अनुसार डीआरआई और सीमा शुल्क विभाग के बढ़ते दबाव को देखते हुये निर्यातको ने सेज की जगह अब चेन्नई को चुना है और सिंथेटिक के नाम पर बडे पैमाने पर असली हीरे दुबई निर्यात किये जा रहे । हवाला के जरिए करोड़ों रूपये की रकम वापस सूरत आ रहा है । सूत्रों के मानें तो हीरा निर्यातकों ने सरकार की आंखों में धूल झोंकने की नई तरकीब ईजाद की है और अब उन्होंने चेन्नई के कुछ लोगों के साथ सिंथेटिक्स के नाम पर असली हीरे का निर्यात भी शुरू कर दिया है । अण्डरवैल्यूएशन के इस खेल मे यदि मूल हीरे की कीमत 100 रुपये है, तो सिंथेटिक हीरे की कीमत केवल 30 रुपये दिखाकर निर्यात किया जाता है। शेष 70 रुपये दुबई स्थित ज्वैलर्स द्वारा हवाला के जरिए स्थानीय निर्यातक को वापस भेजी जा रही है। सिंथेटिक हीरों के नाम पर असली हीरों के निर्यात घोटाले में कई बड़े नेताओं के संलिप्त होने की भी चर्चा है । आने वाले दिनों में अण्डरवैल्यूएशन के इस सनसनीखेज मामले मे शामिल कई उधमियो के चेहरे बेनकाब हो सकते है ।
मामले की जड़ मे है लेब्रोन डायमंड के उत्पादक
डायमंड उधोग से जुडे सूत्रो की मानें तो अंडर वैल्यूएशन घोटाले के तार लेब्रोन डायमंड उत्पादको से जुडा है जो कि लेब्रोन डायमंड के उत्पादक है तथा आनपेपर निर्यात भी लेब्रोन का ही बताया जाता है लेकिन शहर के कुछ महत्वाकांक्षी डायमंड उधमियो से असली डायमंड लेकर उसे निर्यात किया जाता है और फिर हवाला के जरिये करोडो – अरबो की रकम वापस सूरत मंगाई जाती है ।