सूरत, 17 अगस्त । श्री अखिल भारतीय जीण माता सेवा संघ सूरत द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव बड़े ही अनूठे तरीके से मनाया गया।
जीण संघ के संस्थापक संरक्षक शरद खण्डेलवाल ने बताया कि आज़ादी के अमृत महोत्सव को जहां देश का हर नागरिक उत्साह पूर्वक मना रहा है, वहीं समाज का एक ऐसा मूक-बधिर वर्ग जो – तिरंगा ऊंचा रहे हमारा, वंदे मातरम, भारत माता की जय जैसे दिव्य उदघोष न तो सुन पा रहा है और न ही बोल पा रहा है। ऐसे मूक-बधिर बच्चों के मनोमस्तिष्क पटल पर सकारात्मकता एवं उत्साह अभिसंचरित हो और वे भी पूरे देश में मनाएं जा रहे आज़ादी के अमृत महोत्सव में सहभागी बन सके – इस उद्देश्य हेतु श्री अखिल भारतीय जीण माता सेवा संघ सूरत का एक प्रतिनिधि मंडल पारले पॉइंट स्थित मूक-बधिर आश्रम पहुंचा।
कार्यक्रम के संयोजक राजेश काबरा ने बताया कि जीण संघ द्वारा सभी मूक-बधिर बच्चों को जब हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा दिया गया तो मूक बधिर बच्चो ने तिरंगे को अपने सीने से लगाया और उनकी आंखे देश प्रेम से छल छला उठी। फूलों की बौछार के साथ जब तिरंगा ऊंचा रहे हमारा….वंदे मातरम जैसे दिव्य उदघोष जीण संघ द्वारा लगाएं गए तो अपनी विशिष्ट भाव भंगिमाओं से बच्चों ने तिरंगा लहराकर अपने मूक-बधिर होने के अभिशाप को चुनौती दे डाली। इस अवसर पर जीण संघ द्वारा मिठाई एवं वेफर सभी बच्चों को दिए गए। तिरंगे लहराते हुए मूक-बधिर बच्चें ऐसे लग रहे थे मानो आज़ादी के अमृत महोत्सव की खुशियों ने उन्हें एक नई आवाज़ दे दी हो।
संघ के दिलीप पटेल ने बताया कि मूक-बधिर आश्रम में तिरंगा महोत्सव मनाने के बाद जीण संघ का यह दल शहर के फुटपाथ पर जीवन बसर करने वालें बेघर लोगों के पास भी पहुंचा। चाहे वह पेड़ की छाया में बैठा हुआ मोची हो, चाहे ठेले पर सब्जी और फल बेचता हुआ भारत मां का लाल हो, या चाहे ब्रिज के नीचे गुजारा करता हुआ बेघर परिवार हो – सभी को जीण संघ द्वारा जब तिरंगा देकर मीठा मुंह कराया गया तो वे सभी भाव-विभोर हो गए। जीण संघ के इस अनूठे कार्यक्रम में राम मूंदड़ा,गोविंद जिंदल एवं बनवारी कयाल की सक्रिय भूमिका रही