दिल्ली , 15नवंबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज नई दिल्ली में एक श्वेत पत्र जारी किया, जिसमें क्विक कॉमर्स (QC) प्लेटफॉर्म्स जैसे ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो, स्विगी आदि के उन कार्यों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, जो भारत की खुदरा अर्थव्यवस्था की नींव को कमजोर कर रहे हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने इन प्लेटफार्म्स पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का दुरुपयोग कर आपूर्तिकर्ताओं पर नियंत्रण, इन्वेंटरी पर प्रभुत्व, और अनुचित मूल्य निर्धारण के लिए इस फंड का उपयोग करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये ऐसी रणनीतियाँ हैं जो एक असमान बाजार बनाती हैं, जहां 3 करोड़ किराना स्टोर्स का टिक पाना लगभग असंभव हो गया है। उन्होने कहा कि ये प्लेटफार्म छोटे खुदरा विक्रेताओं को बाजार से बाहर धकेलने का काम कर रहे हैं।