उधना रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का टोटा, जीएम को लिखा पत्र

सूरत, 17फरवरी। सूरत रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक बनाने का कार्य इन दिनों पुरजोर पर है जिसकी वजह से यहा के कई प्लेटफार्म बंद है तथा उत्तर भारत की ओर जाने वाली अधिकांश रेलगाड़ियों को उधना रेलवे स्टेशन से ओरिजिनेट किया जा रहा है एवं वापसी मे इन ट्रेनों का अंतिम पड़ाव भी उधना रेलवे स्टेशन ही है। उधना रेलवे स्टेशन पर इन दिनों यात्रियो की भारी भीड़ देखी जा रही है एवं इसके मुकाबले यहा पर यात्री सुविधाओं का टोटा है। उधना रेलवे स्टेशन सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य दिनेश पाण्डेय तथा नागेन्द्र शुक्ला ने यात्रियो को हो रही परेशानी की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुये पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक मिश्र को एक पत्र लिखकर  यात्रियो को हो रही दिक्कतों को दूर करने को कहा है। 

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक मिश्र को लिखे गये पत्र मे कहा गया है कि उत्तर भारत की ओर जाने वाली अधिकाशं रेलगाड़ियां उधना से ओरिजिनेट हो रही है तथा यही पर इनका अंतिम स्टापेज भी है। यात्रियो के भारी दबाव के बीच यहा पर न तो आशातीत संसाधन है ना ही आरपीएफ एवं रेल अधिकारियो की तत्परता, जिसकी वजह से यहां से ट्रेन पकड़ने वाले यात्री थोडी़ सहूलियत महसूस कर सकें। 

सुबह यहां से छूटने वाली ताप्ती- गंगा एक्सप्रेस, सूरत- छपरा एक्सप्रेस, उधना- दानापुर एक्सप्रेस तथा सूरत- भागलपुर एक्सप्रेस के यात्रियो की दुर्दशा की ओर आकृष्ट कराते हुये कहा है कि इन ट्रेनो के यात्रियो एवं स्टेशन तक उनको छोडने आये परिजनों को सर्व प्रथम यहा पर पार्किंग से प्राय: दो- चार होना पड़ता है। पीक आवर मे पार्किंग भरी रहती है तथा ठेकेदार द्वारा रस्सी से कोर्डिंग करके प्राय: पार्किगं को बंद ही किया रहता है जिससे लोगो को अपनी गाडियो को सही जगह पार्क करने के चक्कर मे ट्रेन छूटने की नौबत आ जाती है।

प्लेटफार्म संख्या एक के पश्चिमी छोर (सूरत की ओर) पर एक पैसेंजर लिफ्ट है एवं पूर्वी छोर पर (मुंबई की ओर) एक एस्केलेटर है सुबह पीक आवर मे ये दोनो ही बंद रहते है रेल प्रशासन द्वारा एस्केलेटर के बंद होने की वजह यात्रियों का अत्यधिक लोड होना बताया जाता है। उत्तर भारत की ओर जाने वाली इन ट्रेनों मे सबसे घटिया खान- पान का मिलना। स्थानीय रेल अधिकारियों की अनदेखी इसके पीछे जिम्मेदार है। ट्रेनों मे उधना से रेल नीर की बजाय हल्की गुणवत्ता युक्त पानी की बोतले चढवाई जाती है जिससे यात्रा के शुरूआत से लेकर अंत तक रेल यात्रियों को रेल नीर मांगने के बावजूद नही दिया जाता है।

प्रयागराज महाकुंभ की वजह से देश भर के सभी रेलवे स्टेशनों पर अतिशय भीड़ है जिससे उधना रेलवे स्टेशन भी अछूता नही है। पिछले दिनों रेलवे प्रशासन की सख्ती से आरक्षित डिब्बो मे चालू टिकट लेकर आरक्षित डिब्बो मे यात्रा पर कुछ हद तक काबू पा लिया गया था लेकिन एक बार फिर से वही सब कुछ चल रहा है। आरक्षित डिब्बो मे भी अनारक्षित क्लास के यात्री बेझिझक यात्रा कर रहे है जिससे दो माह पहले से रिजर्वेशन करा कर यात्रा कर रहे यात्रियो को परेशानी हो रही है। अगर सब कुछ एैसा ही चलता रहा तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के घटना की पुनरावृत्ति होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता। 

स्टेशन परिसर एवं प्लेटफार्म पर प्रयागराज की ओर जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को सहूलियत से बैठने की व्यवस्था का संपूर्ण अभाव दिख रहा है । प्लेटफार्म पर जहां यह ट्रेन जाती है अथवा जिन प्लेटफार्म से इन ट्रेनों का ठहराव है वहां पर  संपूर्ण प्राथमिक सुविधाओं का सदन्तर अभाव है ।