सूरत , 24 मार्च । बुधवार को कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में इंटक ने कहा कि पिछले दो सप्ताह में गुजरात राज्य और पूरे देश में कोरोना के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसी कड़ी में सूरत जिले और शहर में भी स्थितियां गंभीर बन गई है। सूरत शहर और जिले में सरकार, जिला प्रशासन, महानगर पालिका व पुलिस प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे शहर और जिले में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों और मजदूरों में भय का माहौल बना हुआ है, जिसके कारण बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों ने अपने गृह राज्य की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। सरकार ने पिछले लोकडाउन में जो गलतियां कीं और मजदूरों को जिस तरह से यातनाओं का सामना करना पड़ा था वह बहुत दर्दनाक था। इंटक अग्रणी और मजदूर नेता शान खान ने बताया कि सूरत में लोकडाउन के डर के कारण प्रवासी श्रमिक और मजदूर वर्तमान स्थिति से बहुत डरे हुए हैं हमने कलेक्टर व उनके माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री से मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए उचित कदम उठाने तथा सूरत के कपड़ा बाजार को रविवार के अलावा किसी भी दिन बंद नहीं किया जाना चाहिए ऐसी मांग की हैं।
इस अवसर पर गुजरात इंटक के महासचिव कामरान उस्मानी, सूरत इंटक अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा, इंटक अग्रणी शान खान, सुरेश सोनवणे, राजेंद्रसिंह राजपूत, जलील मामू समेत अन्य लोग उपस्थित रहे थे।