सूरत,13 जनवरी। आम आदमी पार्टी से संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा पूर्वांचल के लोगो को निशाना बनाये जाने पर सूरत शहर के प्रवासियों मे खासी नाराजगी देखी जा रही है इस मामले मे पूर्वांचल विकास परिषद के महासचिव एवं भाजपा नेता नागेन्द्र शुक्ला ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुये कहा कि पूर्वांचल एवं बिहार के लोग अपनी मेहनत, ईमानदारी और स्वाभिमानी स्वभाव के लिए प्रसिद्ध हैं। वे अपने आदर्श मूल्यों परंपराओं और संस्कारों के साथ जीवन जीते हैं। हालांकि, उनकी यह स्वाभिमानी और मेहनती छवि एक ओर उन्हें आदर दिलाती है, वहीं दूसरी ओर कुछ संस्कार विहीन लोग उन्हें पिछड़ा समझते है और वे अपने इसी संकुचित स्वभाव एवं संस्कारों वाले लोग गवार मानते है। चतुर और बदमाश किस्म के लोग अथवा राजनीतिक दल इसका लाभ उठाते हैं।
शुक्ला ने आगे कहा कि दिल्ली ही नहीं पूरे भारत में पूर्वांचलवासियों एवं बिहारियों का योगदान किसी से छिपा नहीं है यहां के लोग न केवल दिल्ली की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बने हुए है बल्कि पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं, यहां की मेहनतकश एवं कार्यबल के कारण ही पूरे विश्व में भारत की अर्थव्यवस्था का डंका बज रहा है फिर भी, राजनीतिक दलों द्वारा समय-समय पर उनके खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी की जाती रही है। कोरोना महामारी के समय, जब पूरे देश में अराजकता और संकट का माहौल था बिहारियों एवं पूर्वांचलवासियों को कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन के दौरान उनके खिलाफ दिल्ली की राजनीतिक पार्टियां के द्वारा आरोप लगाए गए कि वे “कोरोना फैलाने” के लिए जिम्मेदार हैं। दिल्ली में उन्हें सार्वजनिक और राजनीतिक स्तर पर भी निशाना बनाया गया।
महामारी के बाद उनके खिलाफ यह धारणा बनाई गई कि उनकी वजह से दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ा है और राजनीतिक दलों ने आरोप लगाए कि वे इलाज के लिए बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं और स्थानीय संसाधनों पर बोझ बनते हैं। इस प्रकार के बयान न केवल गलत थे, बल्कि असंवेदनशील भी थे।
दिल्ली ही नहीं पूर्वांचल और बिहार को छोड़कर अन्य प्रांतों में भी राजनीतिक दलों ने पूर्वांचलवासियों एवं बिहारीओ को केवल “वोट बैंक” के रूप में देखती है। उनके अधिकारों और समस्याओं को सुलझाने के बजाय, उन्हें अपमानजनक टिप्पणियों और नकारात्मक छवि के माध्यम से हाशिये पर धकेलने की कोशिश की जाती रही है। पूर्वांचलवासियों और बिहारीओ के खिलाफ एक ऐसा नकारात्मक माहौल तैयार किया जरा रहा है और पूर्वांचलवासियों एवं बिहारीओ का बार बार अपमान करने का प्रयास होता रहा है जिससे उनकी उपलब्धियों और योगदान को भी नकारने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि यह बात अनदेखी नहीं की जा सकती कि दिल्ली व भारत के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे निर्माण, परिवहन और अन्य सेवा क्षेत्रों में पूर्वांचल व बिहार के लोगों का योगदान अद्वितीय है। उनकी मेहनत और निष्ठा ने न केवल दिल्ली और भारत को विकास की राह पर आगे बढ़ाया है, बल्कि इसे एक जीवंत और विविध सांस्कृतिक शहर भी बनाया है।
बिहारी एवं पूर्वांचलवासी, चाहे वे दिल्ली या भारत के किसी अन्य प्रांतों में काम करें या इलाज के लिए आए जाए , वे सामाजिक और आर्थिक ढांचे का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्हें किसी भी रूप में निशाना बनाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह मानवता और समानता के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ भी है। आवश्यकता इस बात की है कि उनकी समस्याओं को समझा जाए और उन्हें सम्मान और समान अवसर प्रदान किए जाएं। राजनीतिक दलों को उनकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए और उन्हें एक सकारात्मक नजरिए से देखना चाहिए, न कि केवल वोट बैंक के रूप में।