यार्न पर प्रस्तावित आईएस कोड को चैम्बर ने बताया अव्यावहारिक

चेंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश और गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से रूबरू होंगे सूरत के उधोगपति

सूरत, 11 मार्च । शुक्रवार को सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की एक बैठक सम्पन्न हुई जिसमें चैंबर अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला,पांडेसरा बुनकर सहकारी समिति के अध्यक्ष आशीष गुजराती, चैंबर के मानद मंत्री भावेश टेलर, फोगवा अध्यक्ष अशोक जीरावाला, फियास्वी प्रतिनिधि रफीकभाई, निटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेश गोंदलिया और दक्षिण गुजरात टेक्सचराइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव सुरेश पटेल और अन्य यार्न निर्माता और आयातक उपस्थित थे।

बैठक में उद्योगपतियों के अनुसार भारत‌ सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा सूरत के कपड़ा उद्योग में प्रयुक्त होने वाले पॉलिएस्टर कन्टीन्युअस फिलामेंट यार्न, पॉलिएस्टर आंशिक रूप से ओरिएंटेड यार्न (पीओवाई), पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर, ,100 प्रतिशत पॉलिएस्टर स्पन ग्रे और सफेद यार्न पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश आईएस कोड लागू करने की घोषणा की गई है यह आईएस कोड 3 अप्रैल, 2013 से अमल मे लाया जायेगा ।

गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के लागू होने के बाद उपरोक्त धागों, जिनके पास बीआईएस प्रमाणपत्र नहीं है, का निर्माण, आयात, वितरण या बिक्री, भंडारण और बिक्री के लिए प्रदर्शन प्रतिबंधित होगा। इसके बाद यदि कोई उपभोक्ता या निर्माता या सूत का डीलर बिना बीआईएस के सूत के साथ पाया जाता है तो पहली बार उस पर दो लाख रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा दूसरी बार पकडे जाने पर पांच लाख रूपये तथा उसके बाद भी पकडे जाने पर माल की कीमत से दस गुना पेनाल्टी एवं दो साल की सजा का प्रावधान है ।

बैठक में उद्योगपतियों ने कहा कि आईएस कोड बनाने के लिए बीआईएस द्वारा गठित कमेटी में उद्योग के किसी प्रतिनिधि के नहीं होने से आईएस कोड कुछ हद तक अव्यावहारिक हो गया है। इसलिए घोषित आईएस कोड में नंबर एक और नंबर दो गुणवत्ता के बीच के अंतर को स्पष्ट किया जाना चाहिए और गुणवत्ता नियंत्रण क्रम में एक अतिरिक्त किया जाना चाहिए कि उपयोगकर्ता दोनों प्रकार की गुणवत्ता का उपयोग कर सकें।  इसके लिए उद्योग के हित में सूत का उपयोग करने वालों को विश्वास में लिया जाना चाहिए और आईएस कोड में संशोधन किया जाना चाहिए।

मौजूदा आईएस कोड के अनुसार यदि बीआईएस प्रमाणित उद्योगपतियों के सामान का उपयोगकर्ता के पास पहुंचने के बाद पुन: निरीक्षण किया जाता है, यदि ये सामान निर्धारित आईएस कोड में उल्लिखित विनिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, तो उनका निपटान कैसे किया जाना चाहिए?  यह गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में भी निर्दिष्ट नहीं है, इसलिए इसे भी निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।  ताकि यूजर्स की दिलचस्पी बनी रहे ।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ शहर के यार्न एवं ग्रे कपडा उत्पादको की बैठक मे निर्णय‌ लिया गया कि चैम्बर आफ कामर्स के बैनर तले शहर के कारोबारियो का एक प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश और गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर पाटिल को साथ लेकर नई दिल्ली मे  भारत के केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय कपड़ा और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेगा एवं आईएस को लागू किये जाने से पूर्व इसके फिर से समीक्षा किये जाने की मांग करेगा ।