पूरा हुआ उधना यार्ड के रीमॉडलिंग का कार्य

सूरत, 11 मार्च । पश्चिम रेलवे द्वारा 6 मार्च, 2023 को उधना यार्ड रीमॉडेलिंग के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरल कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया। यह कार्य लगभग 35 दिनों की अवधि के भीतर पूरा किया गया, जिसमें 32  दिनों का प्री एनआई और 3 दिन का नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य (एनआई) का कार्य शामिल है। अपग्रेडेड उधना यार्ड अब पश्चिम रेलवे के अब तक के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) कार्य से लैस है, जिसमें 392 रूट हैं। इस यार्ड रिमॉडलिंग को उधना-जलगाँव दोहरीकरण के अंतर्गत किया गया, जिसे वर्ष 2018-19 के दौरान शुरू किया गया था।

विस्तृत जानकारी के अनुसार उधना जंक्शन पर ट्रेन परिचालन की दक्षता में सुधार के लिए उधना स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य किया गया। वर्तमान में उधना मुंबई-दिल्ली/अहमदाबाद मेनलाइन और उधना-जलगाँव लाइन के लिए एक जंक्शन स्टेशन के रूप में कार्य करता है। यार्ड रीमॉडलिंग कार्य से यार्ड में डिकंजेस्‍ट होगा और यातायात के आवागमन में लाभ होगा। उधना यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के बाद अब यह पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल का सबसे बड़ा रूट रिले इंटरलॉकिंग (RRI) हो गया है, जिसमें लगभग 400 रूट हैं। इस कार्य में नया आरआरआई भवन, न्यू यार्ड स्टेशन मास्टर भवन, एक एकीकृत कोच केयर सेंटर और एक ऑब्‍जेक्‍ट कंट्रोल भवन उपलब्ध कराना शामिल है। इसमें 606 मीटर की लंबाई के साथ नए आइलैंड प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 4/5 का निर्माण और 24 एलएचबी कोचों को समायोजित करने के लिए 524 मीटर से 590 मीटर तक मौजूदा आइलैंड प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 2/3 का विस्तार शामिल था। यह उधना-सूरत तीसरी लाइन के साथ-साथ उधना-सूरत खंड को डिकंजेस्‍ट करेगा।

इस कार्य के पूरा होने से प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 3 एवं 4/5 पर आने वाली अप दिशा की ट्रेनें अब सीधे चलथान के लिए रवाना की जाएंगी। वर्तमान में ट्रेनों को प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 2/3 पर रिसीव किया जाता है, जो एकमात्र उपलब्ध प्लेटफॉर्म था। इसके अलावा, ताप्ती वैली लाइन नंबर 1 एवं 2 को सूरत से चलथान की यात्री ट्रेनों के सीधे लेने के लिए उपयुक्त बनाया गया है। गुड्स यार्ड को इंटरलॉक कर दिया गया है। इससे एक केंद्रीकृत जगह से ट्रेन परिचालन में सुविधा होगा।

यह होगा लाभ

उधना यार्ड के रिमाडलिंग कार्य के पूरा होने से अब ट्रेनों की समयपालनता में सुधार होगी। उधना यार्ड में बॉटलनेक दूर किया जा सकेगा । मेन लाइन ट्रैफिक और उधना-जलगाँव लाइन ट्रैफिक को अलग किया जा सकेगा जिसमे जलगाँव से/की ओर जाने वाले रेल यातायात को मुख्य लाइन को बाधित किए बिना प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 4 एवं 5 पर लिया जा सकेगी तथा  जलगाँव से/की ओर जाने वाली मालगाड़ियों को उधना यार्ड में बाईपास लाइन पर मेन लाइन/प्लेटफार्मों को अवरुद्ध किए बिना चलाया जा सकता है। उधना स्टेशन पर ट्रेनों का सुचारू परिचालन होगा । उन्‍नत संरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग किया गया है तथा उधना एवं सूरत के बीच तीसरी लाइन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।