आसाम सरकार के परिपत्र से खासे परेशान है “मेखला चादोर” के उत्पादक एवं विक्रेता

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल से मिला व्यापारियो का एक प्रतिनिधिमंडल

सूरत, 11 मार्च‌। आसम सरकार के एक परिपत्र से इन दिनों शहर के सैकडो “मेखला चादोर” साडी उत्पादको एवं विक्रताओ मे खलबली मची हुई है । आसाम सरकार की ओर से जारी परिपत्र मे बाहर से आने वाले मेखला साडी को प्रतिबंधित किया गया है

आसाम के व्यापारियों को मेखला साडी भेजने वाले उधमियो  का एक प्रतिनिधिमंडल आसाम सरकार के उस परिपत्र पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुये नवसारी सासंद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से मिला । प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान बताया कि उस नोटिफिकेशन में कुछ आईटम जो वहां पर हैंडलूम अथवा लूम्स पर बनते हैं अन्य राज्यों से आने वाले इन आइटम पर बैन लगा दिया गया है बैन लगने से सूरत कपड़ा व्यापारी मुसीबत में फंस गए हैं पिछले एक वीक से किसी भी व्यापारी को एक पैसा पेमेंट नहीं आया है प्रतिबंधित‌ किये जाने से भेजा गया माल भी रिटर्न आ रहा है । सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि जो माल जा चुका है जिसकी जीएसटी भरी हुई है वह भी वापिस आ रहा है और जो उधारी बाकी है वह कब मिलेगी उसका पता नही ?
मेखला चादर उत्पादको की सबसे बडी दुविधा यह है कि जो माल यहां पर तैयार करके पड़ा है उसका वे क्या करें और जिन माल का  प्रोग्राम लूम्स पर लग चुका है उसका क्या किया जाये ?

जानकारी के अनुसार सूरत मे बनने वाला मेखला चादर आसामी औरतों की पसंदीदा पोशाक है, आसाम सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिये जाने से सूरत में पडा स्टॉक एवं वहॉं भी रिटेल दुकानो मे पडा माल पूरी‌ तरह से ब्लाक हो गया है जिसकी कुल कीमत कम से कम 100 करोड़ रूपये होगी‌।