आज होगा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव का एलान? जानें दोनों राज्यों के ताजा समीकरण

पिछली बार हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को एक ही चरण में चुनाव हुआ था, जबकि गुजरात में नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में वोटिंग हुई थी। 18 दिसंबर को दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे आए थे।

आज शाम तीन बजे चुनाव आयोग की तरफ से गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव का एलान हो सकता है। चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें दोनों राज्यों के चुनाव का एलान भी हो जाएगा। अभी दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है। पिछली बार हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को एक ही चरण में चुनाव हुआ था, जबकि गुजरात में नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में वोटिंग हुई थी। 18 दिसंबर को दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे आए थे। 

पहले जानिए मौजूदा राजनीतिक स्थिति क्या है? 

हिमाचल प्रदेश : यहां कुल 68 विधानसभा सीटें हैं। 2017 में चुनाव के दौरान भाजपा 44 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 21, सीपीआई (एम) को एक सीट मिली थी। दो निर्दलीय प्रत्याशी भी विधायक बने थे, जिन्होंने भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया था। बाद में कुछ सदस्यों के निधन के बाद उपचुनाव भी हुए, जिसके बाद सियासी समीकरण में थोड़ा बदलाव हुआ। अभी भाजपा के 43 विधायक हैं और दो निर्दलीयों का भी सरकार को समर्थन है। इसके अलावा कांग्रेस के पास 22 और सीपीआई (एम) के पास एक सीट है। भाजपा के जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री हैं। 

गुजरात : राज्य में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं। 2017 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 77 पर सफलता मिली थी। तीन निर्दलीय, दो भारतीय ट्राइबल पार्टी और एक एनसीपी के प्रत्याशी ने भी जीत हासिल की थी। राजनीतिक बदलाव के चलते बीच में कुछ सीटों पर उपचुनाव भी हुए। जिसके बाद अब विधानसभा में सदस्यों की स्थिति बदल गई है। इस वक्त गुजरात विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, भाजपा के 111 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 62, बीटीपी के दो, एनसीपी के एक और एक निर्दलीय विधायक हैं। चुनाव के बाद विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री  राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 2021 तक वह सीएम रहे। बाद में उनकी जगह भूपेंद्र भाई पटेल ने 13 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 

किनके-किनके बीच मुकाबला है

गुजरात 
पिछले 24 साल से गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। 12 साल 227 दिन नरेंद्र मोदी खुद मुख्यमंत्री रहे। इनसे पहले केशुभाई पटेल तीन साल 216 दिन मुख्यमंत्री रहे, जबकि मोदी के बाद आनंदीबेन पटेल, विजयभाई रूपाणी भी सीएम रह चुके हैं। अभी भूपेंद्र भाई पटेल मुख्यमंत्री हैं। इन 24 साल में कांग्रेस हमेशा विपक्ष में ही रही है। इस बार आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यहां डेरा डाल चुके हैं। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। हालांकि, जो सर्वे अभी तक सामने आए हैं, उसके अनुसार मुख्य मुकाबला अभी भी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। 

हिमाचल प्रदेश 
सूबे में शुरू से मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रही है। 1983 से अब तक के आंकड़े देखें तो पांच साल भाजपा और पांच साल कांग्रेस ने प्रदेश पर राज किया है। हालांकि, इस बीच लंबे समय तक कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ही मुख्यमंत्री रहे। अब उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह कांग्रेस की अगुआई कर रहीं हैं। वहीं, भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुआई में पार्टी चुनावी मैदान में है। ऐसे में मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच बताया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।