आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एक्सपोर्टर्स कान्क्लेव सम्पन्न

एडिशनल डीजीएफटी वीरेंद्र सिंह ने दी निर्यात‌ से‌ संबधित कई महत्वपूर्ण जानकारी 

सूरत 26 सितंबर । स्वतंत्रता के 75 वीं वर्षगांठ को भारत‌ सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के रूप मे मनाया जा रहा है ।‌ दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ,  जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल , सिंथेटिक एंड रेयन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल , डीजीएफटी तथा सूरत एवं जिला उधोग केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को सुबह 10 बजे सूरत इंटरनेशनल एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर सरसाना के प्लेटिनम हॉल में एक ‘एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर डीजीएफटी वीरेंद्र सिंह ने निर्यात किए जा रहे विभिन्न उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहनों के संबंध में निर्यातकों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।
              एडिशनल डीजीएफटी वीरेंद्र सिंह ने निर्यातकों को निर्यात से संबधित कई महत्वपूर्व जानकारी दी उन्होने बताया कि किस तरह से  निर्यातक बना जा सकता है एवं निर्यात कैसे बढ़ाया जा सकता है ? विदेश व्यापार विभाग के अपर महानिदेशक ने अपने संबोधन मे कहा कि अब सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हैं और निर्यातकों को केवल तीन दिनों के भीतर ईपीसीजी और अग्रिम प्राधिकरण मिल जाता है। निर्यातकों को माल निर्यात करने से पहले आपूर्ति और मांग के आंकड़ों को देखना होगा। आईटीसी एचएस कोड विशेष रूप से देखा जाना चाहिये । विदेश में यह कोड 3 अंकों का होता है और भारत में यह 3 अंकों का होता है।  निर्यातकों को माल के आयात-निर्यात के लिए डीजीएफटी में पंजीकरण कराना होता है। विस्तार से जानकारी देते हुये उन्होने आगे बताया कि शुल्क छूट योजना के तहत निर्यातक अग्रिम लाइसेंस ले सकता है।  उन्नत प्राधिकरण योजना के तहत ईपीसीजी लाइसेंस प्राप्त किया जा सकता है।  दिल्ली और मुंबई के बाद सूरत भारत में ईपीसीजी लाइसेंस प्राप्त करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है।  उन्होंने निर्यातकों, उद्यमियों और उद्योगपतियों को निर्यात प्रक्रिया पर शुल्क और करों के प्रेषण और राज्य और केंद्रीय लेवी और कर योजना में छूट के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
   
  निर्यात और आयात पर आंकड़े प्रस्तुत करते हुये उन्होंने कहा कि सेज 35 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। जब भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आभूषण बनाए जा रहे हों तो निर्यात आपूर्ति श्रृंखला पर विशेष ध्यान देना होगा।  उन्होंने आगे कहा कि कोविड के कारण कंटेनरों की समस्या बढ़ गई है और इसके समाधान के प्रयास जारी हैं.  कोविड के कारण विदेश व्यापार नीति की समय सीमा सितंबर 2021 तक बढ़ा दी गई है।  इसलिए निर्यात के लिए उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा।  भारत से कच्चे माल का निर्यात नहीं किया जाना चाहिए और उन्होंने निर्यातकों से किसी भी प्रकार की मूल्य वर्धित वस्तुओं का निर्यात करने का आग्रह किया। एक्सपोर्ट्स कान्क्लेव का कुशल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन फोस्टा के पूर्व अध्यक्ष एवं चैम्बर आफ कामर्स के एक्सपोर्ट प्रोमोशन तथा फोरेन ट्रेड कमेटी के सलाहकार देव किशन मंघानी ने किया।

      विश्व के कुल निर्यात 750 बिलियन डालर के मुकाबले भारत‌ से महज 30 बिलियन डालर

             एसआरटीईपीसी के अध्यक्ष धीरज शाह ने निर्यातकों को सिंथेटिक रेयान वस्त्रों के निर्यात के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि व्यापार करने की तुलना में निर्यात करना आसान है ।  दुनिया भर में निर्यात 750 बिलियन डालर है।  इसमें से केवल 30 बिलियन डालर‌ भारत से निर्यात किया जाता है।  इसलिए सूरत को निर्यात करने का एक बड़ा अवसर है।  उन्होंने कहा कि उनकी परिषद निर्यातकों को मार्केटिंग में मदद करती है।